कौमी एकता - मत बॉंधो नफरत की गठरी | i love india
कौमी एकता - मत बॉंधो नफरत की गठरी
मत बॉंधो-6
मत बॉधो नफरत की गठरी-
ये भारी पड़ जायेगी
भवसार तरने के वक्त ये-
नैया को ही डुबा देगी ।।
1. बॉंटने हैं तो दिल से बॉंटो-
श्रद्धा सुमन नर-नारी को ।। 2 ।।
हर करम में प्यार छुपा हो-
ऐसे सजाओ क्यारी को ।। 2 ।।
मत बॉंधो-3
मत बॉंधो नफरत------------------ ।।
2. गैर किसी को तुम मत समझो-
बैर किसी से पालो ना ।। 2 ।।
कॉंटों में भी फूल खिले हैं-
फूलों को तुम कुचलो ना ।। 2 ।।
मत बॉंधो-6, मत बॉंधो ------------ ।।
3. कौंन बहावे पवन झरोखा-
कौंन बहावे नदिया को ।। 2 ।।
किसके सहारे टिकी है धरती-
कौन सजावे बगिया को ।। मत बॉंधो-
4. वही है अल्ला, वही है ईश्वर-
वही तो वाहे-गुरू है ।। 2 ।।
हिन्दू-मुस्लिम-सिक्ख-ईसाई
सभी तो उसके प्यारे हैं ।
मत बॉंधो-6, मत बॉंधो ------------ ।।
Latest hindi bhakti geet,
latest hindi bhakti song, hindi bhakti geet, hindi bhajan, bhakti geet, bhakti
song
रचित: कमलेश्वर प्रसाद त्रिपाठी (नागपुरी)
मत बॉधो नफरत की गठरी-
ये भारी पड़ जायेगी
भवसार तरने के वक्त ये-
नैया को ही डुबा देगी ।।
1. बॉंटने हैं तो दिल से बॉंटो-
श्रद्धा सुमन नर-नारी को ।। 2 ।।
हर करम में प्यार छुपा हो-
ऐसे सजाओ क्यारी को ।। 2 ।।
मत बॉंधो-3
मत बॉंधो नफरत------------------ ।।
2. गैर किसी को तुम मत समझो-
बैर किसी से पालो ना ।। 2 ।।
कॉंटों में भी फूल खिले हैं-
फूलों को तुम कुचलो ना ।। 2 ।।
मत बॉंधो-6, मत बॉंधो ------------ ।।
3. कौंन बहावे पवन झरोखा-
कौंन बहावे नदिया को ।। 2 ।।
किसके सहारे टिकी है धरती-
कौन सजावे बगिया को ।। मत बॉंधो-
4. वही है अल्ला, वही है ईश्वर-
वही तो वाहे-गुरू है ।। 2 ।।
हिन्दू-मुस्लिम-सिक्ख-ईसाई
सभी तो उसके प्यारे हैं ।
मत बॉंधो-6, मत बॉंधो ------------ ।।
प्रिय पाठक, मुझे उम्मीद हे, आपको मेरी यह रचना पसंद आई होगी. आपसे निवेदन हे कि आप अपने विचार जरूर comment box में साँझा करें. मेरी और स्वरचित रचनाओं के लिए हमसे जुड़ें-
Website: https://buranshgeetmala.blogspot.com
|
जय माता दी
आपका दिन शुभ हो.
Comments
Post a Comment