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Showing posts from June, 2019

I Love India song | Jai Hindi | जय हिन्दी

जय हिन्दी Latest hindi bhakti geet, latest hindi bhakti song, hindi bhakti geet, hindi bhajan, bhakti geet, bhakti song रचित : कमलेश्वर प्रसाद त्रिपाठी ( नागपुरी ) जय हिन्दी-ये हिन्दी- है हिन्दी-हिन्दुस्तान की प्यारी राज-भाषा ।। 2 ।। पढ़लो-लिखलो-बोल लो बड़ी सरल ये भाषा ।। 2 ।। 1. हिन्द-देश की भाषा प्यारी- नौ रस इसमें भरे हुए ।। 2 ।। अलंकारों से सजी हुई ये- वाणीं में अमृत घोले ।। जय हिन्दी -है---- 2. तमिल-तेलगू-कन्नड़ और- पंजाबी आदि सभी भाषा ।। 2 ।। सबकी सब हिन्दी की बहनें- सब में इसका प्यार भरा ।। जय हिन्दी -है---- 3. दोहा-सोरठा और चौपाई- काव्य के सुन्दर रूप ।। 2 ।। छन्द अर रस-राग से बनती- ;धरतीद्ध कविता रूप अनूप ।। जय हिन्दी -है---- 4. ब्रहम अक्षर इक ऊॅं  से सारी- देवनागरी लिखी गई ।। 2 ।। संस्कृत है हिन्दी की जननी- राज-भाषा जो कही गई ।। जय हिन्दी -है---- 5. वेदों का ज्यों सार यही है- प्रणव-मंत्र है ऊॅं  ।। 2 ।। विश्व-भाषा बन जाये हिन्दी- मच जायेगी धूम ।। जय हिन्दी-ये हिन्दी- है हिन्दी-हिन्दुस्तान की प्यारी राज-भाषा ।। 2 ।। पढ़लो

Latest Hindi Bhakti Song | shiv bhakti song | चिदात्मक स्तुति

चिदात्मक स्तुति रचित : कमलेश्वर प्रसाद त्रिपाठी ( नागपुरी ) धुन - भगवान तुम्हारे मंदिर में इक प्रेम पुजारी आया है, शिव-शक्ति सनातन रूप तुम्हीं । पर-ब्रहम स्वरूप वो रूप तुम्हीं ।। 1. सब हैं तुम से, तुम ही सब में जै सकल चराचर नायक की, हो प्रणव अक्षर इक ऊॅं तुम्हीं है भेद-अभेद वो रूप तुम्हीं शिव-शक्ति ................................. ।। 2. धरा कहे धरणीधर तुम्हीं सब धर्मों का मर्म तुम्हीं हो ज्ञान तुम्हीं,विज्ञान तुम्हीं अर ऋषि-मुनियों का ध्यान तुम्हीं शिव-शक्ति ................................. ।। 3. पवन तुम्हीं, पानी भी तुम्हीं और उर-अन्दर के प्राण तुम्हीं हो सत-चित्-आनन्द रूप तुम्हीं हो आदि-अन्त और मध्य तुम्हीं शिव-शक्ति ................................. ।। 4. सूरज चॉंद-सितारे सारे नहीं चलते बिन तेरे इसारे प्राणों का संचार करे तू अभिमानी का मान हरे शिव-शक्ति ................................. ।। 5. जय और विजय की शक्ति तुम्हीं हो निराकार वो जोत तुम्हीं शिव-शक्ति सनातन रूप तुम्हीं पर ब्रहम स्वरूप वो रूप तुम्हीं शिव-शक्ति .......

Jai Mata Di - छू लेने दो मैया चरणों को - Latest hindi bhakti song

छू लेने दो मैया चरणों को रचित : कमलेश्वर प्रसाद त्रिपाठी ( नागपुरी ) छू लेने दो मैया चरणों को तकदीर मेरी वीरान है मां कृपा जो तुम्हारी हो जाये ये मुझपे बड़ा अहसान हो मां छू लेने दो मैया चरणों को ।। 1. अच्छा तो यही है अम्बे मां, तेरे दर पे रोज मैं आया करूॅं ।। 2 ।।    इस दर को मुबारक जान के मां,    मैं रोज ही शीष झुकाया करूॅं ।। 2 ।।    छू लेने दो .......................................... ।। 2. आसान नहीं भक्ती करना, मन की गति अति चंचल है ।। 2 ।। तुम दया की दृष्टि रखना मॉं, हम बच्चे बड़े नादान हैं मां ।। 2 ।।     छू लेने दो .......................................... ।। 3. हमने तो सुना है अम्बे मां, तुम निर्बल को बल देती हो ।। 2 ।। तुम दे दो सहारा हमको भी, बस एक यही फरियाद है मां ।। 2 ।।        ;बस एक यही अरमान है मांद्ध ।। 2 ।।         छू लेने दो .......................................... ।। प्रिय पाठक, मुझे उम्मीद हे , आपको मेरी यह रचना पसंद आई होगी . आपसे निवेदन हे कि आप अपने विचार जरूर comment box में साँझा करे

Latest Hindi song हिन्दी - संकल्प गीत

हिन्दी - संकल्प गीत रचित :  कमलेश्वर प्रसाद   त्रिपाठी  ( नागपुरी ) हिन्दी की कसम, गर सब हिन्दी में लिखना पढ़ना सीखें । बनें विश्व की भाषा हिन्दी, ये संकल्प जगायें ।। सबके मन में भरम पला-वो भरम पला किस बात का । हिन्दी घर-घर बोली जाए-गौरव हो इस बात का ।। हिन्दी की कसम........... । बनें विश्व की भाषा ........... ।। इक दिन ऐसा आयेगा - जग हिन्दीमय हो जाये । चमकेगा सरताज हमारा - हम हिन्दीमय हो जायें ।। हिन्दी की कसम........... । बनें विश्व की भाषा ........... ।। सारे जग में हिन्द निवासी - अपना पैर जमाये हैं । सारे गर हिन्दी में बोलें - ;हमद्ध पूरे विश्व में छाये हैं ।। हिन्दी की कसम........... । बनें विश्व की भाषा ........... ।। रंग रंगीले फूलों से मिल - धागा माला रूप धरे । एक-सूत्र में पिरो के हिन्दी - देश प्रेम का प्यार भरे ।। हिन्दी की कसम........... । बनें विश्व की भाषा ........... ।। नहीं किसी से कम है हिन्दी - कर लो दृढ़ विश्वास । हिन्दी जग में राज करेगी - धर लो मन में आस ।। हिन्दी की कसम........... । बनें विश्व की भाषा ........... ।

Jai Mata Di अम्बे की जोत Latest hindi bhakti geet

अम्बे की जोत (Jai Mata Di) रचित : कमलेश्वर प्रसाद त्रिपाठी ( नागपुरी ) जिसने अम्बे की जोत जलाई ।। 2 ।। उसकी किस्मत बनी चली आई ।। 2 ।। 1. ओ- अम्बे-अम्बे कहो दिल से जपते रहो सेवा-भक्ति में मन को लगाते रहो देखो घर में बहार चली आए अम्बे शेर पे सवार चली आए जिसने अम्बे की जोत जलाई उसकी किस्मत बनी चली आई ।। 2 ।। 2. अम्बे भक्तों से कुछ भी न मॉंगे कभी ये तो दाती है भंडारे भरती सभी ये तो सोये भाग जगाये इसे निर्मल-जन अति भाये जिसने अम्बे की जोत जलाई उसकी किस्मत बनी चली आई ।। 2 ।। 3. शरणागत बन भक्ति करना धन-योैवन का गर्व न करना बेसहारों को देती सहारा अम्बे मैया है सबका सहारा जिसने अम्बे की जोत जलाई उसकी किस्मत बनी चली आई ।। 2 ।। प्रिय पाठक, मुझे उम्मीद हे , आपको मेरी यह रचना पसंद आई होगी . आपसे निवेदन हे कि आप अपने विचार जरूर comment box में साँझा करें . मेरी और स्वरचित रचनाओं के लिए हमसे जुड़ें- YouTube  द्वारा :  https://www.youtube.com/channel/UCKEVajSZqc02B2IIPzYlrgg Website:  https://buranshgeetmala.blogspot