मानव की महानता को सीख

मानव की महानता🌹🌹🌹🌹🌹। ऐ समुन्दर तू यूं तूफां न मचा, जज्ब के जल्वे हैं तेरे आज सारे । तेरी महानता है इसी में कि, सबको जगह दे अपना बनाकर ।। सृष्टि की रचना हुई जब इस जहां में , प्रेम मूर्ति बन समाये सब तुझी में। आज क्यूं मिथ्या अहम को पालता, बन प्रेममूर्ति कर प्रदर्शन प्रेम का।। दे परिचय पुनः अपनी महानता का।।👏👏दे परिचय पुनः अपनी महानता का👏👏दे परिचय पुनः अपनी महानता का👏👏🌹🌹🌹🌹🌹

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