Posts

Showing posts from July, 2019

New Hindi Bhakti Song अम्बे मेरी विन्ती सुनो | Jai Mata di | Jai maa vaishno devi

अम्बे मेरी विन्ती सुनो Latest hindi bhakti geet, latest hindi bhakti song, hindi bhakti geet, hindi bhajan, bhakti geet, bhakti song रचित : कमलेश्वर प्रसाद त्रिपाठी ( नागपुरी ) (मेरी) अम्बे मेरी विन्ती सुनो- जगदम्बे मुझपे कृपा करो ।। 2 ।। (1)      अष्ट भुजा महामाई-           (तुम) दयावान हो भारी । दयादृष्टि मुझ पर भी कर दो-           कृपा होगी भारी ।।           मेरी अम्बे मेरी विन्ती सुनो           अम्बे मेरी विन्ती सुनो। (2)      रूप निराली मेरी मैया-           नव दुर्गा कहलायी । शेर सवारी तेरी अम्बे-           सबके मन को भाई ।। मेरी अम्बे मेरी विन्ती सुनो अम्बे मेरी विन्ती सुनो। (3) द्वार तुम्हारे आकर मैया-           झोली मैंने फैलाई । चरणधूलि को देना अम्बे-           बाकी मर्जी तुम्हारी ।। मेरी अम्बे मेरी विन्ती सुनो अम्बे मेरी विन्ती सुनो । प्रिय पाठक, मुझे उम्मीद हे , आपको मेरी यह रचना पसंद आई होगी . आपसे निवेदन हे कि आप अपने विचार जरूर comm

New Hindi Bhakti Geet अम्बे से फरियाद | Jai Mata Di | Jai Maa Kali

अम्बे से फरियाद | Jai Mata Di | Jai Maa Kali Latest hindi bhakti geet, latest hindi bhakti song, hindi bhakti geet, hindi bhajan, bhakti geet, bhakti song रचित : कमलेश्वर प्रसाद त्रिपाठी ( नागपुरी ) अम्बे किससे करूं फरियाद- मेरी कोई न सुनता । अब तुम तो सुनो इक बार मैं हिम्मत हारा   ।। (1) (अम्बे) तन से टूटा, मन से टूटा-    अपना कहकर सबने लूटा ।    मैं गया हूॅं हिम्मत हार, किसे बताऊं ।।    (अम्बे) तुम तो सुनो फरियाद, मैं हिम्मत हारा, (2) (अम्बे) ढंूढे अपने रिस्ते-नाते-    अंखियों के आंसू सारे बहाये ।    हंसी करे संसार मैं हिम्मत हारा ।।    (अम्बे) तुम तो सुना फरियाद, मैं हिम्मत हारा,, (3(अम्बे) जिसको सहारा अपना समझॅंूं-    वही पकड़ मुझे पटक रहे हैं   ।    (तुम) दे दो सहारा इक बार, मैं हिम्मत हारा ।।    (अम्बे) मेरी सुनो फरियाद मै हिम्मत हारा    दे दो सहारा इकबार मैं हिम्मत हारा Hot Sales on Amazon upto 70% Discount on Mobile Phones प्रिय पाठक, मुझे उम्मीद हे , आपको मेरी यह रचना पसंद आई होगी . आपसे निवेदन हे कि आप

Latest Hindi Bhakti song | मैया जी तुम चली आना Jai Vaishno Devi Ma | Jai Mata di

मैया जी तुम चली आना रचित : कमलेश्वर प्रसाद त्रिपाठी ( नागपुरी ) धुन - भैया मेरे राखी के बंधन को निभाना ;फिल्मद्ध मैया जी मेरि- कुटिया पे तुम चली आना आओ अम्बे- लेकर के कोई तो बहाना मैया जी मेरी---- 1. जब-जब आया दर पे तेरे तुमको शीष झुकाया है  । सदियॉं बीत गई हैं फिर भी दरस न मैंने पाया है ।। अब तो अम्बे- आना पड़ेगा घर मेरे । कृपा करना- हम भी तो बच्चे हैं मां तेरे ।। मैया जी मेरी---------------------- ।। 2. मन्दिर-मन्दिर घूम के हारा,कहीं न तुमको देखा है  । भक्त तुम्हारा रूठ न जाये, दरपे आज जो लेटा है  ।। कह दो अम्बे- तू भी तो बेटा है हमारा । दे दो अम्बे- मुझको भी अपना सहारा ।। मैया जी मेरी---------------------- ।। 3. तू ही जग-जननी है अम्बे, तूने सबको जाया है । निर्धन बेटा दर पे तेरे, झोली भी ना लाया है ।। सुनलो अम्बे- मै भी गया हॅंू थक-हारा, आना होगा- तुमको ही अब तो दुबारा । मैया जी मेरी---------------------- ।। 4. ऑंखें तरस रही हैं अम्बे, दर्शन तेरे करने को  । घर में मेरे आ जाओ मॉं, मुझको बेटा कह दो ।। आना अम्बे- अबके जरूर च

Latest Hindi song | जै हिन्दी भवानी भारती तेरी उतारें आरती

जै हिन्दी भवानी भारती तेरी उतारें आरती रचित : कमलेश्वर प्रसाद त्रिपाठी ( नागपुरी ) जै हिन्दी-भवानी-भारती तेरी उतारें आरती ।। जय-जय उतारें आरती- ;सारे उतारें आरतीद्ध जै हिन्दी भवानी भारती ।। 1. हिन्द की पावन धरा पर- हुई है न्यौछावर ।। 2।। धन्य-धन्य हे मातृ-भाषा- बुलन्द तेरे स्वर- जय-जय-उतारें आरती तेरी उतारें आरती जै हिन्दी भवानी भारती ।। 2. वाणीं तेरी बड़ी मृदुल है- ये सबके मन को भाती ।। 2 ।। देव-नागरी,देव-लिपि यह- राजभाषा कहलाती ।। जय-जय-उतारें आरती तेरी उतारें आरती जै हिन्दी भवानी भारती ।। 3. बारह स्वर, छत्तीस व्यन्जन से- बनी हुई है यह शैली ।। 2।। पूर्व-पष्चिम-उत्तर-दक्षिण- चारों दिषाओं में फैली ।। जय-जय-उतारें आरती तेरी उतारें आरती जै हिन्दी भवानी भारती ।। 4. रस-छन्दों से सजी ये भाषा- अलंकार इसके गहने ।। 2 ।। बिन्दी सोहे माथे पर ज्यों- सुन्दरता का क्या कहने ।। जय-जय-उतारें आरती तेरी उतारें आरती जै हिन्दी भवानी भारती ।। प्रिय पाठक, मुझे उम्मीद हे , आपको मेरी यह रचना पसंद आई होगी . आपसे निवेदन हे कि आप अपने विचार जरूर