Jai Mata Di अम्बे की जोत Latest hindi bhakti geet
अम्बे की जोत (Jai Mata Di)
रचित: कमलेश्वर प्रसाद त्रिपाठी (नागपुरी)
जिसने अम्बे की जोत जलाई ।। 2 ।।
उसकी किस्मत बनी चली आई ।। 2 ।।
1. ओ- अम्बे-अम्बे कहो दिल से जपते रहो
सेवा-भक्ति में मन को लगाते रहो
देखो घर में बहार चली आए
अम्बे शेर पे सवार चली आए
जिसने अम्बे की जोत जलाई
उसकी किस्मत बनी चली आई ।। 2 ।।
2. अम्बे भक्तों से कुछ भी न मॉंगे कभी
ये तो दाती है भंडारे भरती सभी
ये तो सोये भाग जगाये
इसे निर्मल-जन अति भाये
जिसने अम्बे की जोत जलाई
उसकी किस्मत बनी चली आई ।। 2 ।।
3. शरणागत बन भक्ति करना
धन-योैवन का गर्व न करना
बेसहारों को देती सहारा
अम्बे मैया है सबका सहारा
जिसने अम्बे की जोत जलाई
उसकी किस्मत बनी चली आई ।। 2 ।।
रचित: कमलेश्वर प्रसाद त्रिपाठी (नागपुरी)
जिसने अम्बे की जोत जलाई ।। 2 ।।
उसकी किस्मत बनी चली आई ।। 2 ।।
1. ओ- अम्बे-अम्बे कहो दिल से जपते रहो
सेवा-भक्ति में मन को लगाते रहो
देखो घर में बहार चली आए
अम्बे शेर पे सवार चली आए
जिसने अम्बे की जोत जलाई
उसकी किस्मत बनी चली आई ।। 2 ।।
2. अम्बे भक्तों से कुछ भी न मॉंगे कभी
ये तो दाती है भंडारे भरती सभी
ये तो सोये भाग जगाये
इसे निर्मल-जन अति भाये
जिसने अम्बे की जोत जलाई
उसकी किस्मत बनी चली आई ।। 2 ।।
3. शरणागत बन भक्ति करना
धन-योैवन का गर्व न करना
बेसहारों को देती सहारा
अम्बे मैया है सबका सहारा
जिसने अम्बे की जोत जलाई
उसकी किस्मत बनी चली आई ।। 2 ।।
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जय माता दी
आपका दिन शुभ हो.
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