कौमी एकता - मानव धर्म, latest social message song, best social unity song
कौमी एकता - मानव धर्म
हम एक थे, एक हैं, एक रहेंगे हम ।। 2 ।।
सब धर्मों में धरम बड़ा, मानवता का धरम ।। 2 ।।
आओ मनाएॅं कौमी एकता,करलें नेक करम ।। 2 ।।
सब धर्मों में धरम बड़ा,मानवता का धरम ।। 2 ।।
1. जिसने सूरज चॉंद बनाया-
हम उसके हैं बन्दे ।। 2 ।।
फिर क्यों डाल रहे हैं दिलों में-
जाति-पाति के फन्दे ।
सब मिल बोलो एक हैं-
सबका एक धरम ।।
सब धर्मों में धरम बड़ा
मानवता का धरम ।। 2 ।।
2. जात-पात में क्यों हैं लड़ते-
क्यों हैं व्यर्थ झगड़ते ।। 2 ।।
सब की रगों मंे खून एक है-
काहे नहीं समझते ।
सब मिल बोलो एक हैं-
सबका एक धरम ।।
सब धर्मों में धरम बड़ा
मानवता का धरम ।। 2 ।।
3. हिन्दू-मुस्लिम-सिख-ईसाई-
आपस में सब भाई ।। 2 ।।
मानव को मानव ही समझें-
क्या है इसमें बुराई ।
सब मिल बोलो एक हैं-
सबका एक धरम
सब धर्मों में धरम बड़ा
मानवता का धरम ।। 2 ।।
4. हिन्दी-उर्दू और पंजाबी
भाषा हैं अनेक ।। 2 ।।
भाषाओं का भेद भुलाकर-
बन जायें हम एक ।
सब मिल बोलो एक हैं
सबका एक धरम ।।
सब धर्मों में धरम बड़ा
मानवता का धरम ।। 2 ।।
5. जात-पात को दिल से मिटाके
सबको संग ले लें ।। 2 ।।
भेद-भाव को दिल से भुलाकर-
लग जाओ गले ।
सब मिल बोलो एक हैं
सबका एक धरम ।।
हम मानव हैं मानव का मानवता है धरम ।। 2 ।।
हम एक हैं एक रहेंगे खाते आज कसम ।। 2 ।।
हम मानव हैं मानव का मानवता है धरम ।। 2 ।।
मानवता है धरम .....................3
रचित: कमलेश्वर प्रसाद त्रिपाठी (नागपुरी)
हम एक थे, एक हैं, एक रहेंगे हम ।। 2 ।।
सब धर्मों में धरम बड़ा, मानवता का धरम ।। 2 ।।
आओ मनाएॅं कौमी एकता,करलें नेक करम ।। 2 ।।
सब धर्मों में धरम बड़ा,मानवता का धरम ।। 2 ।।
1. जिसने सूरज चॉंद बनाया-
हम उसके हैं बन्दे ।। 2 ।।
फिर क्यों डाल रहे हैं दिलों में-
जाति-पाति के फन्दे ।
सब मिल बोलो एक हैं-
सबका एक धरम ।।
सब धर्मों में धरम बड़ा
मानवता का धरम ।। 2 ।।
2. जात-पात में क्यों हैं लड़ते-
क्यों हैं व्यर्थ झगड़ते ।। 2 ।।
सब की रगों मंे खून एक है-
काहे नहीं समझते ।
सब मिल बोलो एक हैं-
सबका एक धरम ।।
सब धर्मों में धरम बड़ा
मानवता का धरम ।। 2 ।।
3. हिन्दू-मुस्लिम-सिख-ईसाई-
आपस में सब भाई ।। 2 ।।
मानव को मानव ही समझें-
क्या है इसमें बुराई ।
सब मिल बोलो एक हैं-
सबका एक धरम
सब धर्मों में धरम बड़ा
मानवता का धरम ।। 2 ।।
4. हिन्दी-उर्दू और पंजाबी
भाषा हैं अनेक ।। 2 ।।
भाषाओं का भेद भुलाकर-
बन जायें हम एक ।
सब मिल बोलो एक हैं
सबका एक धरम ।।
सब धर्मों में धरम बड़ा
मानवता का धरम ।। 2 ।।
5. जात-पात को दिल से मिटाके
सबको संग ले लें ।। 2 ।।
भेद-भाव को दिल से भुलाकर-
लग जाओ गले ।
सब मिल बोलो एक हैं
सबका एक धरम ।।
हम मानव हैं मानव का मानवता है धरम ।। 2 ।।
हम एक हैं एक रहेंगे खाते आज कसम ।। 2 ।।
हम मानव हैं मानव का मानवता है धरम ।। 2 ।।
मानवता है धरम .....................3
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जय माता दी
आपका दिन शुभ हो.
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