New Bhakti Song प्रभू जी मेरी रखलो लाज
प्रभू जी मेरी रखलो लाज
प्रभू जी मेरी रखलो लाज
मेरे पूरण करलो काज . . . प्रभू जी............
झूटे सारे नफरत करते - 2
सांच को आई ऑंच
टूट पड़ा हॅंू अब मैं ऐसा
जैसे टूटे कॉंच . . . . . . . प्रभू जी............
माया के कारण सब झूटे - 2
आज हुए हैं रिस्ते
मुॅंह खोलॅंू तो क्या कुछ बोलूॅं
भक्त तेरे हैं पिस्ते. . . . . . प्रभू जी............
आस निरास में बदल न जाये - 2
ऐसी जोत जगा दो
अपने प्रभु से मुॅंह ना मोडॅंू
ऐसा जतन करा दो
सच्ची राह दिखा दो . . . . . प्रभू जी............
रचित: कमलेश्वर प्रसाद त्रिपाठी (नागपुरी)
प्रभू जी मेरी रखलो लाज
मेरे पूरण करलो काज . . . प्रभू जी............
झूटे सारे नफरत करते - 2
सांच को आई ऑंच
टूट पड़ा हॅंू अब मैं ऐसा
जैसे टूटे कॉंच . . . . . . . प्रभू जी............
माया के कारण सब झूटे - 2
आज हुए हैं रिस्ते
मुॅंह खोलॅंू तो क्या कुछ बोलूॅं
भक्त तेरे हैं पिस्ते. . . . . . प्रभू जी............
आस निरास में बदल न जाये - 2
ऐसी जोत जगा दो
अपने प्रभु से मुॅंह ना मोडॅंू
ऐसा जतन करा दो
सच्ची राह दिखा दो . . . . . प्रभू जी............
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जय माता दी
आपका दिन शुभ हो.
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