हरि-हर बोल
हरि-हर बोल Latest hindi bhakti geet, latest hindi bhakti song, hindi bhakti geet, hindi bhajan, bhakti geet, bhakti song रचित : कमलेश्वर प्रसाद त्रिपाठी ( नागपुरी ) तू हरि-हरि-हरि-हरि बोल- मस्त-मग्न रसना रस घोल । तू हरि-हरि-हरि-हरि बोल मस्त-मग्न रसना रस घोल ।। 1. चलते-फिरते नाम हरि का ।। 2 ।। सोते-खाते जाप हरि का ।। 2 ।। बोल तू मीठे बोल, जीवन में रस मीठा घोल ।। हरि-हरि ----------------- ।। 2. ठोकर जब भी तुझपे लगती ।। 2 ।। बैठ संभल कर करले भक्ति ।। 2 ।। छोड़ तू कड़वे बोल, भला-बुरा हृदय में तोल ।। हरि-हरि ----------------- ।। 3. बड़े भाग मानुष तन पाया ।। 2 ।। भजले हरि को सफल कर काया ।। 2 ।। ये देह बड़ी अनमोल, जीवन में अमृत रस घोल ।। 2 ।। हरि-हरि ----------------- ।। 4. बन जा हरि के ऑंख का तारा ।। 2 ।। हिरदय जोत जगा बन प्यारा ।। 2 ।। ;सत संगत में रह बन प्याराद्ध सत संगत रस घोल सत-गुरू की तू जै-जै बोल श्री हरि की तू जै-जै बोल ।। प्रिय पाठक, मुझे उम्मीद हे , आपको मेरी यह रचना पसंद आई होगी . आपसे निवेदन हे कि आप ...