विरह गीत latest hindi song
विरह गीत Latest hindi bhakti geet, latest hindi bhakti song, hindi bhakti geet, hindi bhajan, bhakti geet, bhakti song रचित : कमलेश्वर प्रसाद त्रिपाठी ( नागपुरी ) मेरा मन डोले, मेरा तन डोले- डोले-डोले तन-मन सांवरिया । 1. कुहुक-कुहुक कर बोले कोयलिया पिय-पिय बोले पपीहरा ।। 2 ।। रिम-झिम, रिम-झिम बादल बरसे, घर आओ तुम सांवरिया ।। 2 ।। तुम बिन हो गई बावरिया ।। 2 ।। मेरा मन डोले--------------------- 2. सावन जैसी अंखियां बरसें आग लगावे चन्दा, ;मेरि देह जलावे चन्दाद्ध ।। फूल पे भंवरा जब-जब डोले । आग में घी-सा घोले ।। 2 ।। मेरा मन डोले--------------------- 3. सावन बरसाये अंगारे मेरि देह तपावें तारे ।। 2 ।। कालदूत हैं बनकर आये । बादल कारे-कारे ।। 2 ।। मेरा मन डोले--------------------- 4. बादल गरजे, पानी बरसे, आंगन-2 मोर नाचे ।। 2 ।। घर आओगे कब तक प्रियतम । मुझे बिरहा नाच नचावे ।। 2 ।। ;मुझे बिरहा बहुत सतावेद्ध मेरा अंग-अंग जलता जावे ।। 2 ।। मेरा मन डोले--------------------- विरह गीत मेरा मन डोले, मेरा तन डोले- डोले-डोले तन-म...