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मानव की महानता को सीख

मानव की महानता🌹🌹🌹🌹🌹। ऐ समुन्दर तू यूं तूफां न मचा, जज्ब के जल्वे हैं तेरे आज सारे । तेरी महानता है इसी में कि, सबको जगह दे अपना बनाकर ।। सृष्टि की रचना हुई जब इस जहां में , प्रेम मूर्ति बन समाये सब तुझी में। आज क्यूं मिथ्या अहम को पालता, बन प्रेममूर्ति कर प्रदर्शन प्रेम का।। दे परिचय पुनः अपनी महानता का।।👏👏दे परिचय पुनः अपनी महानता का👏👏दे परिचय पुनः अपनी महानता का👏👏🌹🌹🌹🌹🌹

विरह गीत latest hindi song

विरह गीत Latest hindi bhakti geet, latest hindi bhakti song, hindi bhakti geet, hindi bhajan, bhakti geet, bhakti song रचित : कमलेश्वर प्रसाद त्रिपाठी ( नागपुरी ) मेरा मन डोले, मेरा तन डोले- डोले-डोले तन-मन सांवरिया । 1. कुहुक-कुहुक कर बोले कोयलिया पिय-पिय बोले पपीहरा ।। 2 ।। रिम-झिम, रिम-झिम बादल बरसे, घर आओ तुम सांवरिया ।। 2 ।। तुम बिन हो गई बावरिया ।। 2 ।। मेरा मन डोले--------------------- 2. सावन जैसी अंखियां बरसें आग लगावे चन्दा, ;मेरि देह जलावे चन्दाद्ध ।। फूल पे भंवरा जब-जब डोले । आग में घी-सा घोले ।। 2 ।। मेरा मन डोले--------------------- 3. सावन बरसाये अंगारे मेरि देह तपावें तारे ।। 2 ।। कालदूत हैं बनकर आये । बादल कारे-कारे ।। 2 ।। मेरा मन डोले--------------------- 4. बादल गरजे, पानी बरसे, आंगन-2 मोर नाचे ।। 2 ।। घर आओगे कब तक प्रियतम । मुझे बिरहा नाच नचावे ।। 2 ।। ;मुझे बिरहा बहुत सतावेद्ध मेरा अंग-अंग जलता जावे ।। 2 ।। मेरा मन डोले--------------------- विरह गीत मेरा मन डोले, मेरा तन डोले- डोले-डोले तन-म

Latest hindi bhajan जय बजरंगबली

जय बजरंगबली Latest hindi bhakti geet, latest hindi bhakti song, hindi bhakti geet, hindi bhajan, bhakti geet, bhakti song रचित : कमलेश्वर प्रसाद त्रिपाठी ( नागपुरी ) बजरंगबली-बजरंगबली ।। 2 ।। हो-लाल-लाल है चोला तुम्हारा- लाल ध्वजा है हाथ बजरंगबली-बजरंगबली ।। 2 ।। 1. राम-नाम की रटन लगायें- राम-नाम अति प्यारा ।। 2 ।। हरि भक्तों के सिर के उपर- रहता हाथ तुम्हारा । बजरंगबली-बजरंगबली--------------- 2. अक्षय को झटका मारा पटका- पल में दिया पछाड़ ।। 2 ।। शक्ति भरी थी पॅंूछ में ऐसी- लंका करदी राख । बजरंगबली-बजरंगबली--------------- 3. लात मारकर लंकनी को- पहॅंुचा दिया पाताल ।। 2 ।। जादूगर-अहिरावण की तो- खींच दई थी खाल । बजरंगबली-बजरंगबली--------------- 4. भक्तों के अति प्यारे बाबा- सिंदूरी कहलाते ।। 2 ।। हरि-भक्तों के कष्ट हरण को- दौड़े-दौड़े आते । बजरंगबली-बजरंगबली--------------- 5. राम-नाम की रटन लगालो- तुम भी सच्चे दिल से ।। 2 ।। सत-कर्मों को करते हुए - जयकारे बोलो खुलके । बजरंगबली-बजरंगबली--------------- प्रिय पाठक, मुझे उम्मीद

Latest hindi bhajan मैया करे निहाल | Jai Mata Di | Jai Maa Vaishno Devi

मैया करे निहाल | Jai Mata Di | Jai Maa Vaishno Devi Latest hindi bhakti geet, latest hindi bhakti song, hindi bhakti geet, hindi bhajan, bhakti geet, bhakti song रचित : कमलेश्वर प्रसाद त्रिपाठी ( नागपुरी ) ओ-आ गई, आ-गई, आ-गई मां शेरांवाली आ-गई मां जोतांवाली आ गई मां पहाड़ांवाली आ गई मेरी मेहरांवाली आ गई 1. आगे-आगे हनुमत चले- पीछे भेैरव वीरा ।। 2 ।। बीच मंे अम्बे रानी सोहे- सोहे शेर पीला । ओ (मॉं)-आ गई, आ-गई, आ-गई---------- । 2. चण्ड-मुण्ड को मारा मॉं ने- रक्त-बीज को मारा ।। 2 ।। बीच-भंवर मेें डूब रहे- भक्तों को पार उतारा । ओ (मॉं)-आ गई, आ-गई, आ-गई---------- । 3. जय महिशासुर-मर्दनी अम्बे- हम बलिहारी जायें ।। 2 ।। काटो सकल क्लेश हमारे तुमको शीश झुकायें । ओ (मॉं)-आ गई, आ-गई, आ-गई---------- । 4. जय मॉं-जय मॉं सारे बोलो- मैया करे निहाल ।। 2 ।। सच्चे दिल से जिसने पुकारा- करती माला-माल । ओ (मॉं)-आ गई, आ-गई, आ-गई---------- । प्रिय पाठक, मुझे उम्मीद हे , आपको मेरी यह रचना पसंद आई होगी . आपसे निवेदन हे कि आप अपने विच

Latest hindi bhajan नव दुर्गा Jai Mata Di

नव दुर्गा Jai Mata Di Latest hindi bhakti geet, latest hindi bhakti song, hindi bhakti geet, hindi bhajan, bhakti geet, bhakti song रचित : कमलेश्वर प्रसाद त्रिपाठी ( नागपुरी ) ओ-शेरांवाली, जोतांवाली- जग-जननी महांमाई तेरी जै-जै-जै ।। जय-दुर्गा महारानी तेरी जै-जै-जै ।। 1. प्रथम शैल-पुत्री कहलाये आदि शक्ति महामाया द्वितीय ब्रहम-चारिणी कहलाये,जग-जननीे जग-जाया- बोलो अम्बे की जै-जगदम्बे की जै ।। 2 ।। जग-जननी महामाई तेरी जै-जै-जै ।। 2 ।। 2. तीसरी चन्द्रघण्टा कहलाये,दश-भुजा महांमाई ।। 2 ।। चौथी कुण्माण्डा कहलाये, अष्ट भुजा जग जाई- बोलो------- ।। 2 ।। जगजननी---------- ।। 2 ।। 3. पॉचवां रूप स्कन्दमाता और पदमासना कहलाई ।। 2 ।। छटे रूप में कात्यायनी मॉं चार भुजाओं वाली- बोलो------- ।। 2 ।। जगजननी---------- ।। 2 ।। 4. सातवां रूप कालरात्रि का गर्धव की करे सवारी आठवां रूप महांगौरी का धर, बैल की करे सवारी ।। 2 ।। बोलो अम्बे की जय, जगदम्बे की ------------।। 2 ।। 5. नवें रूप में सिद्धिदात्री बन, शेर की करे सवारी ।। 2 ।। अष्ट-सिद्धि को देने वाली, दुर्गा ये

कौमी एकता - मत बॉंधो नफरत की गठरी | i love india

कौमी एकता - मत बॉंधो नफरत की गठरी Latest hindi bhakti geet, latest hindi bhakti song, hindi bhakti geet, hindi bhajan, bhakti geet, bhakti song रचित : कमलेश्वर प्रसाद त्रिपाठी ( नागपुरी ) मत बॉंधो-6 मत बॉधो नफरत की गठरी- ये भारी पड़ जायेगी भवसार तरने के वक्त ये- नैया को ही डुबा देगी ।। 1. बॉंटने हैं तो दिल से बॉंटो- श्रद्धा सुमन नर-नारी को ।। 2 ।। हर करम में प्यार छुपा हो- ऐसे सजाओ क्यारी को ।। 2 ।। मत बॉंधो-3 मत बॉंधो नफरत------------------ ।। 2. गैर किसी को तुम मत समझो- बैर किसी से पालो ना ।। 2 ।। कॉंटों में भी फूल खिले हैं- फूलों को तुम कुचलो ना ।। 2 ।। मत बॉंधो-6, मत बॉंधो ------------ ।। 3. कौंन बहावे पवन झरोखा- कौंन बहावे नदिया को ।। 2 ।। किसके सहारे टिकी है धरती- कौन सजावे बगिया को ।। मत बॉंधो- 4. वही है अल्ला, वही है ईश्वर- वही तो वाहे-गुरू है ।। 2 ।। हिन्दू-मुस्लिम-सिक्ख-ईसाई सभी तो उसके प्यारे हैं । मत बॉंधो-6, मत बॉंधो ------------ ।। प्रिय पाठक, मुझे उम्मीद हे , आपको मेरी यह रचना पसंद आई होगी .